जयपुर. सांभर झील में पक्षी त्रासदी का कारण बर्ड फ्लू नहीं ब्लकि एवियन बोटुलिज्म (Avian Botulism) है. बीकानेर के अपेक्स सेंटर (Apex Centre for Animal Disease) के प्रो. एके कटारिया की आशंका पर बरेली के IVRI (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान Indian Veterinary Research Institute) ने भी अपनी रिपोर्ट में मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने गुरुवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि बरेली की रिपोर्ट आ चुकी है, सांभर में पक्षियों की मौत की वजह एवियन बोटुलिज्म बताई गई है. इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को चिट्ठी लिखी है, केंद्र सरकार को सचिव स्तर के अफसर को भेजना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि पक्षियों की मौत के मामले में केंद्र सरकार के पास ही विशेषज्ञ हैं, केंद्र को सांभर विशेषज्ञ भेजने चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सांभर में अब स्थिति नियंत्रण में है.
भारत सरकार के secretary को यहां आना चाहिए, हमारे अधिकारियों के साथ मीटिंग करनी चाहिए, भारत सरकार को भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए। स्टेट गवर्नमेंट अपने स्तर पर कोई कमी नहीं रखेगी और ना ही रख रही है। यदि भारत सरकार पूरा सहयोग करेगी तो इस त्रासदी पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सकेगा।
402
Twitter Ads info and privacyपक्षियों की मौत का सरकारी आंकड़ा 18,000 पार
देश में प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) इतनी बड़ी तादाद में मौत का सिलसिला सांभर झील में अब भी जारी है. सांभर झील में पक्षियों की मौत का सरकारी आंकड़ा बुधवार तक 18 हजार को पार कर चुका था. हालांकि हाईकोर्ट के संज्ञान लिए जाने के बाद हरकत में आई सरकार ने फिलहाल स्थित नियंत्रण में बताई है. उधर, एक दिन पहले ही प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में बुलाई एक महत्वपूर्ण तात्कालिक बैठक में सांभर में हुई पक्षियों की मौत और बचाव के उपायों के बारे में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और वन व पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर मामले की समीक्षा की.